विदेशी फंडिंग की रकम को लेकर होगी गहनता से जांच
लखनऊ। हिंदू युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका मतांतरण कराने वाले गिरोह के विरुद्ध एटीएस के साथ ही अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का भी शिकंजा कस गया है। ईडी ने मामले में मनी लांडिंग के तहत केस दर्ज कर अपनी पड़ताल शुरू कर दी है। अवैध मतांतरण के लिए हो रही विदेशी फंडिंग की कड़ियां खंगाली जाएंगी। ईडी ने मामले में 100 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग की बात सामने आने पर एटीएस की एफआइआर का अध्ययन करने के बाद अपनी कार्रवाई भी शुरू की है। ईडी गिरोह के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा समेत अन्य सक्रिय सदस्यों की संपत्तियों का ब्योरा भी खंगालेगा।
अवैध मतांतरण गिरोह को नेटवर्क प्रदेश के कई शहरों के अलावा दूसरे राज्यों में भी फैला है। जांच में यह तथ्य सामने आने के बाद केंद्रीय एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। मामले में हुई शिकायत पर एसटीएफ को जांच सौंपी गई थी। पड़ताल में अवैध मतांतरण व विदेशी फंडिंग के तथ्य प्रमाणित होने पर छांगुर बाबा के बेटे महबूब व गिरोह के सक्रिय सदस्य नवीन उर्फ जमालुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था। मामले की जांच एटीएस को सौंप दी गई थी।
एटीएस ने शनिवार को छांगुर बाबा व उसकी करीबी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया था। नीतू आरोपित नवीन की पत्नी है। मुंबई निवासी नवीन ने छांगुर बाबा के प्रभाव में आकर पत्नी व बेटी समेत इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था। इनके पकड़े जाने के बाद गिरोह के कई अन्य सक्रिय सदस्य छिप गए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। बेटे के पकड़े जाने के बाद छांगुर बाबा लखनऊ के विकासनगर क्षेत्र स्थित एक होटल में 16 अप्रैल छिपकर रह रहा था। ईडी ने मामले में अपनी पड़ताल शुरू दी है।
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